Pakur: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 (Jharkhand Assembly Election 2024) के लिए पाकुड़ सीट से पूर्व विधायक अकिल अख्तर (Akil Akhtar) ने तमाम अटकलों को विराम देते हुए रविवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का दामन थाम लिया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए अपनी नई राजनीतिक यात्रा की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई है।
2009 के विधानसभा चुनाव से अपने राजनितिक सफर की शुरुवात करने वाले अकील अख़्तर ने झामुमो (JMM) की टिकट पर पाकुड़ सीट पर पहली बार चुनाव लड़ा और सूबे के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता आलमगीर आलम (Alamgir Alam) को 5676 वोटों से शिकस्त दी थी। 2009 से 2014 के कार्यकाल में अकील अख़्तर ने राजनीति में अपने कच्चे नाखून तेज किये। क्षेत्र के विकास के लिए पूरा दमखम दिखाया, लेकिन 2014 में अकील अख्तर चूक गए और झामुमो की टिकट पर 65,272 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। 2019 में झामुमो कांग्रेस गठबंधन में पाकुड़ की सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी और अकील अख़्तर झामुमो (JMM) का दामन छोड़ आजसू (AJSU) के टिकट से फिर एक बार इस सीट पर फतह हासिल करने मैदान में उतर गए। लेकिन फिर से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। इस बार वे सफलता की सीढ़ी से एक और पायदान फिसलकर तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें केवल 39,444 मत ही प्राप्त हुए।
2024 के झारखंड विस चुनाव के लिए आजसू और भाजपा के गठबंधन और पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में वोटों के समीकरण को देखते हुए अकील अख्तर ने इसी साल जुलाई में आजसू का साथ छोड़, टिकट को लेकर अन्य राजनितिक दलों से समन्वय बनाने में जुट गए। तमाम अटकलों पर विराम लगाने हुए आखिरकार अकील अख्तर ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। साईकिल के सिम्बल के साथ सोमवार 28 अक्टूबर को अकील अख्तर अपने हज़ारों समर्थकों के साथ पाकुड़ में नामांकन दाखिल करेंगे।
अकील अख्तर के मुख्य प्रतिद्वंदी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से विधायक हैं और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में हैं। इंडिया गठबंधन ने 2024 चुनाव के लिए कांग्रेस ने आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है वहीं NDA गठबंधन की आजसू पार्टी से व्यवसायी अजहर आलम भी चुनावी अखाड़े में आजमाइश के लिए उतरे हैं। अकील अख्तर भी इस विधानसभा चुनाव में फिर से किस्मत आजमाएंगे। उनकी सीधी टक्कर कांग्रेस और आजसू प्रत्याशियों के साथ होनी है। जीत किसकी होगी यह मतदाता तय करेंगे। हार-जीत का पिटारा 23 नवम्बर को खुलेगा।
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