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Jharkhand बनने के बाद Pakur में नहीं खुला NDA गठबंधन का खाता

  • पाकुड़ (Pakur) से कांग्रेस (Congress) व झामुमो (JMM), महेशपुर (Maheshpur) से झाविमो (JVM) व झामुमो (JMM), लिट्टीपाड़ा (Littipara) में हरबार झामुमो (JMM) जीता

Pakur: झारखंड (Jharkhand) बनने के बाद संथाल परगना के पाकुड़ जिले के तीनों विधानसभा सीटों पर अब तक भाजपा (BJP) या एनडीए (NDA) गठबंधन अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। पाकुड़ जिले में तीन विधानसभा हैं पाकुड़, लिट्टीपाड़ा और महेशपुर। इन तीनों सीट पर मुख्यतः कांग्रेस और जेएमएम का ही दबदबा रहा है। एक बार महेशपुर से झाविमो जीती है। वर्तमान में झाविमो का भाजपा में विलय हो गया है।

  • पाकुड़ सीट पर कांग्रेस ने तीन बार की जीत हासिलः

पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की अगर बात करें तो झारखंड बनने के बाद से इस सीट पर कांग्रेस ने तीन बार जीत हासिल की, वहीं एक बार यह सीट झामुमो के खाते में गया है। 2005 में कांग्रेस के आलमगीर आलम विधायक चुने गए। 2009 के चुनाव में यह सीट झामुमो के अकिल अख्तर के हाथ लगी। वहीं 2014 और 2019 में यह सीट फिर से कांग्रेस के आलमगीर आलम की झोली में चली गयी। वर्तमान में आलमगीर आलम भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं और झारखण्ड विस चुनाव 2024 में कांग्रेस ने आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है।

  • महेशपुर विस में झामुमो का रहा है दबदबाः

महेशपुर विधानसभा मे झामुमो का दबदबा रहा है, वहीं जेवीएम ने एक बार यहां से जीत दर्ज की है। जबकि भाजपा ने यहां से भी राज्य गठन के बाद एक बार भी जीत दर्ज नहीं की है। 2005 के चुनाव में यह सीट झामुमो के सुफल मरांडी के हाथ लगी थी, वहीं 2009 के चुनाव में झाविमो के मिस्त्री सोरेन ने परचम लहराया था। 2014 मे यह सीट फिर से झामुमो के पाले में चली गई। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो से स्टीफन मरांडी ने जीत दर्ज़ कर महेशपुर को झामुमो का अभेद्य किला बना दिया।

  • झामुमो का गढ़ रहा है लिट्टीपाड़ा:

लिट्टीपाड़ा विधानसभा सीट झामुमो का गढ़ रहा है। इस सीट को कोई भी पार्टी झामुमो से छिन नहीं पाई है। 2005 से लेकर 2019 तक यह सीट झामुमो के पास सुरक्षित रही है। 2005 के चुनाव में यहां से झामुमो के टिकट से सुशीला हांसदा ने जीत दर्ज किया। 2009 मे झामुमो के टिकट पर सुशीला हांसदा के पति साइमन मरांडी ने दो बार जीत दर्ज कराया, वहीं 2014 के चुनाव मे झामुमो के टिकट पर अनिल मुर्मू ने जीत दर्ज किया। अनिल मुर्मू की अचानक तबियत बिगड़ने से 17 जनवरी 2017 को निधन हो गया जिसके बाद लिट्टीपाड़ा विधानसभा में उपचुनाव कराया गया जिसमें झामुमो उम्मीदवार साइमन मरांडी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को 12,900 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया। वहीं 2019 के विस चुनाव में साइमन मरांडी के पुत्र दिनेश विलियम्स मरांडी ने झामुमो की टिकट पर इस सीट पर फतह हासिल की थी। 

  • बेनी गुप्ता के समय में पाकुड़ हुआ था भगवाः

झारखंड बनने के पहले बेनी गुप्ता पाकुड़ सदर विधानसभा से 2 बार विधायक रह चुके हैं। पुनः 2019 में भाजपा ने बेनी गुप्ता के प्रति विश्वास जताते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2024 में पाकुड़ की सीट एनडीए की सहयोगी दल आजसू के मिली। आजसू से अज़हर इस्लाम को प्रत्याशी बनाया गया है।

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