Power Outage: जब बिजली चली जाये, तो धैर्य रखें… शायद कोई अपनी जान दांव पर लगाकर आपके घर की रौशनी लौटाने निकला हो

Power Outage: When the power goes out, be patient... maybe someone is risking his life to bring back the light in your house

Power Outage: बारिश की पहली फुहार, बादलों की गड़गड़ाहट और आंधी-तूफान जब हमारे लिए चाय की चुस्की और सुकून का समय बन जाता है, ठीक उसी वक्त किसी घर में एक पिता, भाई या बेटा अपने औजारों के साथ निकल पड़ता है, तारों की उलझन सुलझाने, ट्रांसफार्मर दुरुस्त करने और पूरे गांव की रौशनी लौटाने।

हम बिजली जाने पर झुंझला उठते हैं। “फिर से बिजली चली गई!”, “ये बिजली विभाग वाले कुछ करते ही नहीं!”, हम ऐसे तमाम ताने आराम से बैठकर दे डालते हैं, पर क्या हमने कभी सोचा है कि जो लाइनमैन इन खतरनाक तारों को संभालते हैं, उनकी एक छोटी सी चूक उनकी जान ले सकती है?

टूटे तारों को जोड़ते समय या ट्रांसफार्मर पर काम करते हुए न जाने कितने बिजलीकर्मी हर साल अपनी जान गंवा देते हैं। बारिश के मौसम में यह खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। लेकिन इनकी मेहनत और समर्पण को हम तब तक नहीं पहचानते जब तक अंधेरे में डूबा अपना घर फिर से रौशन नहीं हो जाता।

हम भूल जाते हैं कि बिजली की लाइन पर सिर्फ करंट ही नहीं, कई घरों की उम्मीद, दुआ और किसी परिवार की पूरी दुनिया टिकी होती है। जब हम बिजली के लिए चिल्लाते हैं, तब कहीं कोई मां आंखें नम किए प्रार्थना कर रही होती है कि उसका बेटा काम से सही-सलामत लौट आए।

इसलिए अगली बार जब बिजली जाए, तो गुस्से से पहले एक पल रुकिए। बिजली की तार के उस पार खड़ा कोई इंसान आपके लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहा है। उसके लिए दुआ कीजिए, उसके साहस को सलाम कीजिए। यही तो असली इंसानियत है: जो दूसरों की सेवा में अंधेरे से लड़ते हैं, उनके लिए हम कुछ रोशनी बचाकर रख सकें।

ये भी पढ़ें: Sahibganj: बरहरवा में RPF की सतर्कता से बचीं चार नाबालिग लड़कियां, मानव तस्करी की आशंका

WASIM AKRAM
Author: WASIM AKRAM

Leave a Comment

Advertisements

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!