महिलाओं को मिलेगी नई रफ्तार: ऑटो सेक्टर में ट्रेनिंग के जरिए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे Dalmia Bharat Foundation और रेड कार्पेट

Women will get new momentum: Dalmia Bharat Foundation and Red Carpet will promote self-reliance through training in the auto sector

Bokaro/New Delhi, 20 जून 2025 (शुक्रवार): देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में अब महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल की गई है। डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड की सीएसआर इकाई डालमिया भारत फाउंडेशन (Dalmia Bharat Foundation) और रेड कार्पेट लर्निंग इंस्टिट्यूट ने संयुक्त रूप से असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 300 महिलाओं को रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग देने का ऐलान किया है।

यह साझेदारी ‘दीक्षा’ पहल के तहत की गई है, जो DBF का एक प्रमुख स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम है। एमओयू पर हस्ताक्षर नोएडा, नई दिल्ली में डालमिया भारत फाउंडेशन के सीईओ अशोक कुमार गुप्ता और रेड कार्पेट लर्निंग के पार्टनर बिटन रॉय द्वारा किए गए।

तीन राज्यों में मिलेगा प्रशिक्षण

इस कार्यक्रम के अंतर्गत 10 बैचों में चयनित महिलाओं को ऑटोमोटिव शोरूम होस्ट, ऑटो टेली-कॉलर और टू-व्हीलर सर्विस असिस्टेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण का लक्ष्य विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को हुनरमंद बनाना और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना है।

अगस्त से दिसंबर तक चलेगा प्रशिक्षण

प्रशिक्षण अगस्त 2025 से शुरू होगा और दिसंबर 2025 तक चलेगा। चयन के लिए महिला उम्मीदवारों की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और शैक्षणिक योग्यता कम-से-कम दसवीं पास होना आवश्यक है। DBF के मुताबिक, प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को औसतन ₹10,000 प्रतिमाह की प्रारंभिक आय वाली नौकरियाँ मिल सकती हैं।

ट्रेनिंग होगी मानकों के अनुरूप

ट्रेनिंग सेंटर्स को ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (ASDC) के मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है, जहाँ कंप्यूटर लैब, प्रोजेक्टर और क्लासरूम इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होंगे। मूल्यांकन तीन चरणों में होगा – शुरुआती ऑनलाइन टेस्ट, 90% कोर्स पूरा होने पर बाहरी एजेंसी द्वारा असेसमेंट और अंत में फिजिकल असेसमेंट।

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90% प्लेसमेंट का लक्ष्य

DBF और रेड कार्पेट का लक्ष्य है कि कोर्स पूरा करने के 50 दिनों के भीतर कम-से-कम 90% प्रतिभागियों को रोजगार मिले। इसके लिए ट्रेनिंग के दौरान करियर काउंसलिंग और मार्गदर्शन भी दिया जाएगा।

इस साझेदारी पर DBF के सीईओ अशोक कुमार गुप्ता ने कहा:

“हमारा लक्ष्य हमेशा से एक समावेशी, कुशल और सशक्त वर्कफोर्स बनाना रहा है। महिलाओं को ऑटोमोबाइल सेक्टर जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना न सिर्फ उन्हें रोजगार के लायक बनाता है, बल्कि समाज में उनकी भागीदारी को भी मजबूत करता है।”

रेड कार्पेट लर्निंग इंस्टिट्यूट के पार्टनर बिटन रॉय ने कहा:

“यह सहयोग महिलाओं को भारत के तेज़ी से बढ़ते ऑटोमोबाइल सेक्टर में जगह देने की दिशा में एक ठोस कदम है। हमारी ट्रेनिंग इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक होती है, जिससे रोजगार की संभावना मजबूत होती है।”

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन रहा ‘दीक्षा’

अब तक दीक्षा के तहत 23,624 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। यह पहल न सिर्फ स्किल डेवलपमेंट, बल्कि ग्रामीण भारत में टिकाऊ रोज़गार और सामाजिक बदलाव की एक सशक्त मिसाल बनती जा रही है।

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Author: WM 24x7 News

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