Sahibganj: मोतीझरना में मुहर्रम जुलूस के दौरान पुलिस-ग्रामीण आमने-सामने, तालझारी थाना प्रभारी पर लगा समुदाय विशेष को परेशान करने का आरोप

Sahibganj: Police and villagers face to face during Muharram procession in Motijharna, Taljhari police station in-charge accused of harassing a particular community

Taljhari (Sahibganj): मुहर्रम के अवसर पर तालझारी थाना क्षेत्र अंतर्गत मोतीझरना में रविवार को उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब मुहर्रम ताजिया जुलूस और अखाड़ा प्रदर्शन के दौरान थाना प्रभारी नितीश पांडेय और स्थानीय ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।

ग्रामीणों का आरोप है कि थाना प्रभारी द्वारा जानबूझकर जुलूस के मार्ग में सरकारी गाड़ी खड़ी कर दी गई, जिससे न केवल ताजिया जुलूस बाधित हुआ, बल्कि इलाके में लंबा जाम भी लग गया। इस दौरान वीडियो फुटेज में भी देखा गया कि थाना प्रभारी की गाड़ी घंटों बीच सड़क पर खड़ी रही, जिससे पीछे टोटो, ऑटो और अन्य वाहनों की लंबी कतार लग गई। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार न केवल सरकारी गाड़ी ने रास्ता रोका, बल्कि पुलिसकर्मी जुलूस को भी आगे बढ़ने से रोक रहे हैं। इससे इलाके में आक्रोश का माहौल बन गया।

वृद्ध ग्रामीण शहाबुद्दीन खान ने बताया,

“थाना के बड़ा बाबू और अन्य पुलिसकर्मी आकर लोगों को बेवजह सड़क से हटाने लगे। खुद ही बीच सड़क में गाड़ी खड़ी कर दी, जिससे मुहर्रम जुलूस पूरी तरह रुक गया। ऐसा लग रहा था मानो जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को परेशान करने की मंशा से यह किया गया।”

घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दर्जनों की संख्या में युवा और महिलाएं सड़क पर उतर आए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि धार्मिक जुलूस में पुलिस का यह रवैया अस्वीकार्य है और इससे समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

इस घटना से यह भी सवाल उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन की भूमिका सामंजस्य बनाने की होनी चाहिए या अड़चन बनने की? मुहर्रम जैसे संवेदनशील मौके पर प्रशासनिक संयम की कमी भविष्य में और बड़ी घटनाओं को जन्म दे सकती है।

थाना प्रभारी ने आरोपों को नकारा, कहा: “किसी की धार्मिक भावना आहत नहीं की गई, असामाजिक तत्व फैला रहे भ्रम”

तालझारी मुहर्रम जुलूस प्रकरण में लगे आरोपों पर थाना प्रभारी नितीश पांडेय ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि,

“मैंने कभी किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाई है। मुहर्रम जैसे संवेदनशील अवसर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जुलूस मार्ग पर थोड़ी देर के लिए वाहन खड़ा हुआ था, लेकिन उसका उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं था।”

थाना प्रभारी ने कहा कि, जुलूस को शांतिपूर्ण रूप से संचालित कराने के लिए पुलिस मौजूद थी और स्थिति को नियंत्रित करने के क्रम में एक असामाजिक तत्व ने लोगों को भड़काकर जानबूझकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने आगे कहा,

“एक विशेष व्यक्ति द्वारा गलत सूचना फैलाकर भीड़ को भड़काया गया, जिसका उद्देश्य था प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचाना। मामले को बेवजह तूल दिया गया।”

थाना प्रभारी ने यह भी अपील की कि लोग किसी भी भ्रामक वीडियो या अफवाह पर ध्यान न दें और प्रशासन के साथ सहयोग करें ताकि साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे।

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Author: WM 24x7 News

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