Ranchi/Sahibganj, 23 जुलाई: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें निकम्मा बताया है और कहा है कि वह सरकार और जनता दोनों के लिए बोझ बन चुके हैं। श्री मरांडी ने साहिबगंज में एक बीमार किशोरी की दर्दनाक मौत का ज़िक्र करते हुए कहा कि झारखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का यह एक और उदाहरण है। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से बीमार किशोरी को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उचित इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। दुख की बात यह रही कि मौत के बाद शव को ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस तक नहीं मिली और वे शव को खाट पर रखकर 10 किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर हुए।
मौत के बाद भी नहीं मिला एंबुलेंस,शव को परिजन खाट पर रखकर 10 किलोमीटर तक पैदल चले।
झारखंड के साहिबगंज में बीमार किशोरी को इलाज के लिए परिजन खाट पर लेकर पैदल सदर अस्पताल पहुंचे।परिजनों का आरोप था कि मौत के बाद भी शव ले जाने को अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस परिजन शव को खाट से 10… pic.twitter.com/jw3AIDy8ah— Sohan singh (@sohansingh05) July 23, 2025
चहेतों को सौंप दी गईं एंबुलेंस सेवाएं
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री ने एंबुलेंस संचालन की जिम्मेदारी अपने करीबी व्यक्ति को दे दी है और यहां तक कि सरकारी अस्पतालों के कामकाज में उनका बेटा भी हस्तक्षेप करता है। उन्होंने इसे शासन की गंभीर लापरवाही करार दिया।
मुख्यमंत्री से की कार्रवाई की मांग
मरांडी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और एंबुलेंस प्रणाली की तत्काल समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देश और जवाबदेही तय की जानी चाहिए, ताकि जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस प्रकार की जिल्लत न झेलनी पड़े।
साहिबगंज की हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। बीमार किशोरी को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा और मौत के बाद भी शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली। परिजन शव को खाट पर रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हुए।
स्वास्थ्य मंत्री ने… https://t.co/EkTf0GDQTk
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 23, 2025
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