तालाब नहीं, NH-80 है साहब! Sahibganj का राष्ट्रीय राजमार्ग बना राष्ट्रीय जलमार्ग

It is not a pond, it is NH-80 sir! Sahibganj's national highway becomes a national waterway
  • मछली पालन, नौका विहार और जल क्रीड़ा का केंद्र बना सकरीगली-Sahibganj का NH-80 मार्ग

Sahibganj: पुराने NH 80 पर अगर आपको कहीं झील, पोखर या मिनी डैम दिखाई दे तो चौंकिए मत, आप रास्ता नहीं भूले हैं, बल्कि सही राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही हैं। सकरीगली से साहिबगंज के बीच अब सड़कें नहीं, जलसंकट में फंसी सड़कों की जलधारा बह रही है। सड़क निर्माण विभाग ने शायद मॉनसून में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह नवाचार किया है।

तस्वीरों में जो नजारा है, वो किसी झील उत्सव का नहीं बल्कि आम जनता के धैर्य परीक्षण का ग्राउंड लेवल रिहर्सल है। हर कदम पर इतना बड़ा गड्ढा कि उसमें मछली पालन योजना शुरू की जा सकती है। लोगों ने तंज कसते हुए कहा,

“अब इन गड्ढों में मछली पालन शुरू कर दिया जाए तो रोजगार का अच्छा साधन बन सकता है। मछलियों के लिए पर्याप्त जल, गहराई और वाहनों के आवागमन से उत्पन्न कंपन, सभी प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं।” 

It is not a pond, it is NH-80 sir! Sahibganj's national highway becomes a national waterway

वहीं कई युवाओं ने तो चुटकी लेते हुए इसे साहिबगंज फिशरी कॉरिडोर का नाम दे दिया है। स्थानीय लोगों ने व्यंग्य करते हुए बताया कि अब तो गड्ढों में नहा-धोकर ही स्कूल और अस्पताल जाना पड़ता है। कुछ बच्चों ने तो इन्हें मिनी स्वीमिंग पूल मानकर बारिश के मौसम में तैराकी की ट्रेनिंग शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। 

ई-रिक्शा, बाइक और चारपहिया वाहन इन गड्ढों को पार करते हुए ऐसे झुकते हैं जैसे किसी पहाड़ी ट्रेक पर चढ़ाई कर रहे हों। रोजाना इन गड्ढों को पार करते हुए बाइक सवार, ऑटो, बस और पैदल चलने वाले लोग बुरी तरह परेशान हैं। बरसात में तो हालत और बदतर हो चुकी है। न तो गड्ढों की गहराई का पता चलता है, न ही उसमें छिपे खतरों का।

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि “अब ग्राहक नहीं, मगर मच्छर और मेंढ़क हमारे दुकानों में आसानी से पहुंच रहे हैं।”

प्रशासन की चुप्पी और जिम्मेदार विभागों की निष्क्रियता अब लोगों की सहनशक्ति की सीमा पार कर रही है। सवाल यह है कि जब यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत आती है, तब इसकी यह हालत क्यों? क्या गड्ढों को भरने के लिए चुनावी मौसम का इंतजार किया जा रहा है? अगर जल्द मरम्मत नहीं हुई, तो मत्स्य विभाग और राष्ट्रीय सड़क निर्माण विभाग को मिलकर इस रास्ते पर संयुक्त परियोजना शुरू करनी चाहिए, ‘गड्ढा विकास योजना – रोजगार भी, व्यापार भी!’

It is not a pond, it is NH-80 sir! Sahibganj's national highway becomes a national waterway

[Disclaimer 🛑  इस समाचार सामग्री का स्वरूप व्यंग्यात्मक (Satirical) है, जिसका उद्देश्य केवल जनजागरूकता, सामाजिक टिप्पणी और मनोरंजन है। हम अपने पाठकों से अपेक्षा करते हैं कि वे इस सामग्री को उसके संदर्भ यानी हास्य और व्यंग्य में ही लें।]

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WASIM AKRAM
Author: WASIM AKRAM

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