Sahibganj–Pakur: झारखंड के दो पत्थर खनन हॉटस्पॉट साहिबगंज और पाकुड़ में माइनिंग प्लान की धज्जियां उड़ाते हुए लीजधारकों ने सरकारी अनुमति से कमोबेश दोगुना खनिज निकाला। महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साहिबगंज और पाकुड़ के 20 लीजधारकों पर करीब 203 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं लगाया गया, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ। नियम के मुताबिक इस क्षमता से अधिक और अवैध उत्खनन पर करोड़ों का जुर्माना लगना चाहिए था, लेकिन राजस्व वसूली में विभागीय लापरवाही हुई, नतीजा सरकारी खजाने को ₹203 करोड़ से ज्यादा का सीधा नुकसान हुआ।
साहिबगंज: 58 करोड़ की वसूली गायब
महालेखाकार की ऑडिट पर छपी एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साहिबगंज के 8 स्टोन लीजधारकों को माइनिंग प्लान के तहत 13.96 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन निकालने की अनुमति थी। लेकिन उन्होंने 23.23 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन उड़ा दिया यानी तय सीमा से 9.27 लाख क्यूबिक मीटर अधिक। नियम के मुताबिक, इस अतिरिक्त खनन पर ₹58 करोड़ का जुर्माना लगना चाहिए था। लेकिन DMO के मौन आशीर्वाद से न तो दंड लगा और न ही वसूली हुई।
पाकुड़: 144.91 करोड़ की मेहरबानी बोनस
पाकुड़ के 12 स्टोन लीजधारकों को 20.23 लाख क्यूबिक मीटर की अनुमति थी, पर उन्होंने 43.38 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन निकाला, तय सीमा से 23.15 लाख क्यूबिक मीटर ज्यादा। इस अतिरिक्त खनन पर ₹144.91 करोड़ का दंड बनता था। लेकिन यहां भी जिला खनन पदाधिकारी की चुप्पी ने खनन माफियाओं की जेब में करोड़ों बचा दिए।
नियम साफ लेकिन कार्रवाई नदारद
झारखंड के खनन नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि तय सीमा से अधिक निकाले गए खनिज के मूल्य के बराबर दंड वसूला जाएगा। लेकिन साहिबगंज और पाकुड़ के मामलों में यह नियम कागजों में ही दबा रहा। महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट ने इन गड़बड़ियों को उजागर किया है, जिससे साफ है कि साहिबगंज और पाकुड़ में खनन लीजधारकों और खनन विभाग की मिलीभगत से सरकारी खजाने को तगड़ा चूना लगाया गया।
सवालों के घेरे में जिला खनन विभाग
ऐसे में सवाल यह है कि किसके दबाव में नियमों की अनदेखी की गई? करोड़ों के राजस्व नुकसान का जिम्मेदार कौन? क्या खनन लीजधारकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच गठजोड़ है? इन सवालों के जवाब अब जनता और राज्य सरकार दोनों को चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह खनन राजस्व घोटाला झारखंड में खनन माफिया–प्रशासन गठजोड़ का सबसे बड़ा उदाहरण बन जाएगा।
क्या कहते हैं दोनों जिलों के खनन पदाधिकारी?
मामले में विस्तृत जानकारी हेतु पूछे जाने पर पाकुड़ जिला खनन पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सम्बंधित मामले की विस्तृत जानकारी उन्हें नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो जाँच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं साहिबगंज जिला खनन पदाधिकारी से दूरभाष पर संपर्क नहीं होने के बाद व्हाट्सअप पर संपर्क किया गया। परन्तु खबर लिखे जाने तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ।
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