Ranchi: झारखंड में आदिवासी अस्मिता और मानवाधिकार से जुड़ा सूर्या हांसदा उर्फ सूर्य नारायण हांसदा का एनकाउंटर अब राज्य की राजनीति और प्रशासनिक हलचलों का केंद्र बन गया है। मंगलवार को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) का शिष्टमंडल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल संतोष गंगवार को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की। संगठन के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को दस्तावेजी साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। सूत्रों के अनुसार, महामहिम ने ज्ञापन पर गंभीरता से विचार करने और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
लोकतंत्र में विश्वास रखते थे हांसदा
मीडिया से बातचीत में देवेंद्रनाथ महतो ने कहा,
“सूर्या हांसदा बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहे थे। उन्होंने चुनावी राजनीति में भी हिस्सा लेकर लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरोसा जताया। ऐसे व्यक्तित्व को साजिश के तहत खत्म कर दिया गया।”
उन्होंने कहा कि 10 अगस्त को गिरफ्तारी और 11 अगस्त को एनकाउंटर प्रशासन की मंशा पर गहरे सवाल खड़े करता है। यह न केवल आदिवासी समाज में असुरक्षा की भावना पैदा करता है, बल्कि पूरे राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों पर संकट का संकेत भी है।
ज्ञापन में तीन प्रमुख मांगें
- पूरे मामले की CBI जांच सुनिश्चित की जाए।
- दोषी अधिकारियों या व्यक्तियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई हो।
- पीड़ित परिवार को मुआवजा और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
महतो ने बताया कि यह मुद्दा मानसून सत्र में डुमरी विधायक जयराम महतो के माध्यम से विधानसभा में उठाया जाएगा। साथ ही, JLKM ने राज्यव्यापी जनांदोलन की रूपरेखा भी तैयार कर ली है।
प्रतिनिधिमंडल में आलोक उरांव, पार्वती कुमारी, जितेंद्र महतो और राजू महतो भी शामिल थे। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग पहले ही इस एनकाउंटर पर संज्ञान लेते हुए झारखंड सरकार से रिपोर्ट मांग चुका है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि झारखंड सरकार इस संवेदनशील मामले में क्या रुख अपनाती है? क्या इसे किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी को सौंपा जाएगा, या फिर यह भी सिर्फ़ राजनीतिक वाद-विवाद तक सीमित रह जाएगा?
ये भी पढ़ें: Sahibganj में फिर केंद्रीय एजेंसी की दबिश, छापेमारी से मचा हड़कंप
