Sahibganj, 21 अगस्त: झारखंड में 15 लाख से अधिक छात्र-छात्राएँ पिछले दो वर्षों से अपने हक की छात्रवृत्ति से वंचित हैं। सरकार की लापरवाही से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्रों की पढ़ाई, किताबें, हॉस्टल और फीस गंभीर संकट में हैं। इसी को लेकर छात्र नेता इन्द्रोजीत साह ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी है।
यह छात्रों का अधिकार है, मेहरबानी नहीं
इन्द्रोजीत ने कहा,
“यह बेहद शर्मनाक है कि झारखंड सरकार छात्रों का भविष्य दांव पर लगाकर उनके हक का पैसा रोक कर बैठी है। छात्र महीनों पहले आवेदन और दस्तावेज़ जमा कर चुके हैं, लेकिन अब तक बैंक खातों में एक रुपया भी नहीं पहुँचा। यह सीधे तौर पर छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ धोखा है।”
छात्रवृत्ति वितरण में भारी लापरवाही
इन्द्रोजीत साह ने बताया कि पिछले दो वर्षों से छात्रवृत्ति वितरण में लगातार देरी हो रही है। कई जिलों में हजारों छात्र आवेदन करने के बावजूद अब तक एक भी किश्त प्राप्त नहीं कर पाए हैं वहीं सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि बकाया है जिससे छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
अब चुप्पी नहीं, संघर्ष होगा
इन्द्रोजीत साह ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि,
“छात्रों का पैसा सरकार की मेहरबानी नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। अगर सरकार ने तुरंत सभी लंबित छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के बैंक खाते में नहीं भेजी, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। छात्र सड़कों पर उतरेंगे और तब सरकार को इसका जवाब देना होगा। हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हक छीनने नहीं देंगे।”
उन्होंने आगे कहा,
“छात्रों का एक-एक रुपया उन्हें मिलना चाहिए। अगर यह सरकार छात्रों को उनका हक नहीं देती है, तो यह सरकार छात्रों के भविष्य की दुश्मन कहलाएगी।”
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