New Delhi, 6 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट परिसर में सोमवार को एक अभूतपूर्व स्थिति तब बन गई, जब एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की। आरोपी की पहचान वकील राकेश किशोर के रूप में हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब CJI गवई की बेंच वकीलों के मामलों की मेंशनिंग सुन रही थी। तभी आरोपी अचानक खड़ा हुआ और नारे लगाने लगा, “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।” इसके बाद उसने जजों के डाइस की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उसे पकड़ लिया।
घटना के बाद पुलिस ने वकील को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें नई दिल्ली जिला और सुप्रीम कोर्ट परिसर के डीसीपी शामिल हैं, घटनास्थल पर पहुंचे। गिरफ्तारी के वक्त भी राकेश किशोर नारेबाजी करता रहा। हालांकि अदालत की कार्यवाही बाधित नहीं हुई। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने शांति बनाए रखते हुए कहा, “ऐसी घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता,” और कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया।
सूत्रों के अनुसार, राकेश किशोर की नाराज़गी सुप्रीम कोर्ट के 16 सितंबर के फैसले से जुड़ी हो सकती है। उस दिन कोर्ट ने खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊँची मूर्ति को पुनः स्थापित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, और इसे “पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन” करार दिया था। माना जा रहा है कि वकील इसी टिप्पणी से आहत था और विरोधस्वरूप यह कदम उठाया।
सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी यह घटना सवाल खड़े करती है। न्यायालय परिसर में वकील की ओर से ऐसी हरकत अभूतपूर्व मानी जा रही है।
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