Ranchi: झारखंड की राजनीति में एक नया ही सीज़नल शो चल पड़ा है, “मंत्री जी का लड़का हुआ वायरल।” एपिसोड 1 में अस्पताल घूमकर वीडियो बना, एपिसोड 2 में लाव-लश्कर के साथ रोड पर भौकाल मचाया और अब सोशल मीडिया पर जनता पूछ रही है “भाई, ये देश में एक ही कानून चलता है कि दो?”
कानून तो कहता है कि कार के सनरूफ से बाहर निकलकर घूमना मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 और 177 के तहत जुर्म है। लेकिन अगर आप मंत्री पुत्र हैं, तो वही हरकत अब “रील”, “स्टाइल” और “पब्लिक इमेज बिल्डिंग” कहलाती है। आम आदमी ऐसा करे तो फाइन और जेल, VIP करे तो बस… “भूल हो गई, माफ कर दीजिए”।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जब वीडियो वायरल हुआ तो लोग भड़क उठे। “हम पर चालान, और इनके लिए तालियां?” “कानून सबके लिए बराबर है… या कुछ के लिए रबर जैसा फ्लेक्सिबल?”
रांची डीसी को भी आखिर जवाब देना पड़ा। उन्होंने डीटीओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन जनता को ये भी पता है कि ऐसे मामलों में “कार्रवाई” शब्द का मतलब अक्सर क्या होता है?
वर्णित मामलें को संज्ञान में लेते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए है।@ranchipolice https://t.co/ypDxTc7X11
— DC Ranchi (@DC_Ranchi) October 11, 2025
इस पर बीजेपी प्रवक्ता अजय शाह ने भी तंज कसा कि दूसरे राज्यों के मंत्री पुत्र राज्य के लिए नए-नए इनोवेटिव आइडिया और नीतिगत दृष्टि लेकर लौटते हैं, और यहां झारखंड में मंत्री पुत्र “सिर्फ़ दिखावा और लोफ़रबाज़ी” लेकर।
झारखंड का यही दुर्भाग्य है कि जहाँ दूसरे राज्यों के मंत्री-पुत्र विदेश या महानगरों से लौटकर अपने राज्य के लिए नए-नए इनोवेटिव आइडिया और नीतिगत दृष्टि लेकर आते हैं, वहीं झारखंड के मंत्री-पुत्र बाहर से सिर्फ़ दिखावा और लोफ़रबाज़ी की आदतें लेकर लौटते हैं।
उन्हें यह भ्रम है कि… https://t.co/ws99pJJ6j1
— Ajay Sah (@ajaysahspeaks) October 10, 2025
कहना गलत भी नहीं। आज झारखंड की सड़कों पर काफिला संस्कृति उस रफ्तार से बढ़ रही है जिस रफ्तार से सरकारी कामकाज कभी नहीं बढ़ा। अब जनता सोच में है, जब वही काम आम आदमी करे तो गाड़ी जब्त, लाइसेंस रद्द और चालान हजारों में। पर मंत्री पुत्र करे तो, “मीडिया में चर्चा, राजनीतिक हंगामा और कार्रवाई… फिलहाल स्थगित।”
कानून की किताब में यह बात साफ लिखी नहीं है, लेकिन सत्ता की डिक्शनरी में एक लाइन ज़रूर है: “आम जनता के लिए कानून, मंत्री पुत्र के लिए राहत पैकेज।”
अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में झारखंड में एक नया मोटर व्हीकल नियम बन सकता है: “सनरूफ से बाहर निकलना सख्त मना है, सिवाय उनके, जिनके पापा मंत्री हों।”
[Disclaimer इस समाचार सामग्री का स्वरूप व्यंग्यात्मक (Satirical) है, जिसका उद्देश्य केवल जनजागरूकता, सामाजिक टिप्पणी और मनोरंजन है। हम अपने पाठकों से अपेक्षा करते हैं कि वे इस सामग्री को उसके संदर्भ यानी हास्य और व्यंग्य में ही लें।]
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