Sahibganj: फर्जी आधार सेंटर नेटवर्क का कनेक्शन असम से! संगठित गिरोह या राजनीतिक षड़यंत्र?

Sahibganj: A fake Aadhaar center network has connections to Assam! Organized gang or political conspiracy?
  • Sahibganj में फर्जी आधार सेंटर का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार, लैपटॉप सहित कई उपकरण जब्त

Sahibganj, 11 अक्टूबर: UIDAI और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में जिले में चल रहे फर्जी आधार सेंटर का सनसनीखेज भंडाफोड़ हुआ है। जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के सौती चौकी पंगडो स्थित एक ग्राहक सेवा केंद्र में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये लोग असम की “WCD Assam” रजिस्ट्रार आईडी का इस्तेमाल कर अवैध रूप से आधार कार्ड बनवा रहे थे। मौके से लैपटॉप, स्कैनर, आईरिस मशीन, वेब कैमरा समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए।

गिरफ्तार आरोपियों में राजदेव उरांव और मोनू कुमार चौधरी शामिल हैं। पूछताछ में दोनों वैध अनुमति पत्र या दस्तावेज नहीं दिखा सके। जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि लैपटॉप में बैकडेट 17 अगस्त 2025 की तारीख में 22 लोगों का आधार पंजीकरण किया गया था।

इस मामले में जिरवाबाड़ी थाना कांड संख्या 192/2025 के तहत बीएनएस 2023 की कई धाराओं और आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। UIDAI अधिकारियों का कहना है कि बिना अनुमति आधार पंजीकरण करना गंभीर अपराध है और इसमें कठोर कार्रवाई की जाएगी।



फर्जी आधार सेंटर नेटवर्क का असम कनेक्शन

फर्जी आधार सेंटर का भंडाफोड़ ऐसे समय में हुआ है जब विपक्षी भाजपा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों को लेकर लगातार हेमंत सरकार पर निशाना साधती रही है। ऐसे में “असम की रजिस्ट्रार आईडी का इस्तेमाल झारखंड में आखिर क्यों?” क्या यह महज अपराध है या किसी बड़ी राजनीतिक साजिश की कड़ी? सच क्या है यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। जांच में कई परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है।

UIDAI ने दी सख्त चेतावनी

इधर UIDAI अधिकारियों ने साफ कहा है कि बिना अनुमति कोई भी व्यक्ति या संस्था आधार नामांकन या अपडेट का कार्य नहीं कर सकती। ऐसा करते पकड़े जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई होगी।

ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि, क्या WCD Assam की रजिस्ट्रार आईडी के जरिए किसी खास वर्ग का फर्जी आधार बनाया जा रहा था? क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या राजनीतिक षड़यंत्र? क्या झारखंड के साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ा कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है? इन सवालों के जवाब अब जांच के बाद ही सामने आएंगे। लेकिन इतना तय है कि साहिबगंज में यह कार्रवाई राज्य भर में फर्जी आधार रैकेट पर नकेल कसने की दिशा में बड़ी शुरुआत साबित हो सकती है।



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WASIM AKRAM
Author: WASIM AKRAM

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