Sahibganj: बोरियो में अवैध पत्थर खनन का बेख़ौफ़ खेल, खनन विभाग मूकदर्शक; Babulal Marandi ने सीएम को लिखा पत्र

Sahibganj: Illegal stone mining continues unabated in Borio, with the mining department remaining a mute spectator; Babulal Marandi writes to the Chief Minister.
  • 200 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व नुकसान का आरोप, उपप्रमुख को दी गई जान से मारने की धमकी

Sahibganj: झारखंड के साहेबगंज जिला अंतर्गत बोरियो अंचल में पत्थर खदान लीजधारी और खनन विभाग की मिलीभगत का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मौजा बिन्देरी बंदरकोला में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध पत्थर खनन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कार्रवाई की मांग की है।

पत्र में बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि लीजधारक सत्यनाथ साह को जिला खनन कार्यालय, साहेबगंज द्वारा 4 एकड़ जमीन पर खनन की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन उसने इसकी आड़ में करीब 20 एकड़ जमीन पर अवैध उत्खनन कर 200 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व की क्षति पहुंचाई है।

जांच में पुष्टि, फिर भी कार्रवाई नहीं

बाबूलाल मरांडी के पत्र के अनुसार, उपप्रमुख कैलाश प्रसाद की शिकायत पर उपायुक्त साहेबगंज के निर्देश पर दो सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी ने की। जांच में साफ पाया गया कि लीज की सीमा से बाहर अवैध खनन किया गया है। जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट प्रमाण मिलने के बावजूद जिला खनन पदाधिकारी (DMO) और स्थानिय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे लीजधारक को खुली छूट मिल गई और उत्खनन बदस्तूर जारी रहा।

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शिकायतकर्ता को धमकी, फर्जी केस दर्ज

अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने वाले बोरियो प्रखंड के उपप्रमुख कैलाश प्रसाद को लीजधारक सत्यनाथ साह के पुत्र द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसाया गया और तत्कालीन थाना प्रभारी निरंजन कच्छप ने उन्हें हाजत में बंद कर दिया। उन्हें धमकी दी गई कि अगर अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं किया तो गंभीर अंजाम भुगतना पड़ेगा। कैलाश प्रसाद ने पुलिस महानिदेशक व आरक्षी उपमहानिरीक्षक, दुमका को पत्र लिखकर सुरक्षा और कार्रवाई की मांग की थी।

खनन विभाग पर मिलीभगत के गंभीर आरोप

मरांडी ने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि स्थानीय खनन विभाग और थाना प्रशासन की ‘निजी स्वार्थवश चुप्पी’ ने अवैध खनन को बढ़ावा दिया है। एक ओर राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, दूसरी ओर अवैध खनन करने वाले पत्थर व्यवसाइयों के हौसले बुलंद हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अवैध खनन का तत्काल आकलन कर राजस्व क्षति की वसूली, लीजधारक के खिलाफ कठोर कार्रवाई और उत्खनन पर रोक लगाई जाए। साथ ही उन्होंने शिकायतकर्ता कैलाश प्रसाद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला पुलिस को निर्देश देने की मांग की है।

विगत वर्षों से लगातार हुई शिकायतें, लेकिन कुम्भकर्णीय नींद में विभाग

गौरतलब है कि उपप्रमुख कैलाश प्रसाद ने इस अवैध खनन के खिलाफ पिछले कई वर्षों से शिकायतें की हैं। बावजूद इसके न तो खनन विभाग ने कार्रवाई की और न ही स्थानीय प्रशासन ने इस खेल को रोकने की कोशिश की। अब नेता प्रतिपक्ष के दखल के बाद इस प्रकरण ने राजनीतिक रंग ले लिया है।

बोरियो में यह कोई पहला मामला नहीं है। पूरे साहेबगंज जिले में अवैध खनन लंबे समय से राजस्व चोरी का बड़ा जरिया बना हुआ है। सवाल है जब जांच में सब कुछ साफ हो चुका है तो कार्रवाई में देरी क्यों? क्या विभाग ऐसे अवैध खनन करने वाले व्यवसाइयों से मिला हुआ है? अब नजर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर है कि क्या वे इस पर सख्त कार्रवाई करेंगे या एक और मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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WASIM AKRAM
Author: WASIM AKRAM

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