Godda में प्रशासनिक अनदेखी से बड़ा हादसा: पानी की टंकी गिरने से दो आदिमजनजाति बच्चों की मौत, तीन बच्चे घायल

Administrative negligence in Godda led to a major accident: Two tribal children died and three were injured when a water tank collapsed.
  • यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक उपेक्षा से हुई हत्या है: ग्रामीण

Godda: जिले के सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र के डाहुबेड़ा गांव में रविवार को प्रशासनिक लापरवाही ने दो आदिमजनजाति बच्चों की जिंदगी निगल ली। गांव में वर्षों पुरानी जर्जर पानी की टंकी अचानक भरभरा कर गिर पड़ी, जिसकी चपेट में आकर दो आदिमजनजाति मासूम बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है।

गांव वालों का कहना है कि टंकी की हालत काफी समय से खराब थी। नींव में दरारें साफ दिखती थीं, लेकिन विभाग की ओर से न तो मरम्मत की गई और न ही जर्जर संरचना को हटाने की कोई कार्रवाई की गई। लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। रविवार को यह लापरवाही दो मासूमों की जान ले बैठी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सभी बच्चे टंकी के नीचे स्नान कर रहे थे तभी अचानक पानी की टंकी भरभरा कर गिर पड़ी। भारी कंक्रीट और लोहे के रॉड बच्चों पर आ गिरे। ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मलबे से बच्चों को बाहर निकाला और आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया। लेकिन दो मासूमों को बचाया नहीं जा सका।

हादसे की जानकारी मिलते ही डीसी अंजलि यादव और एसपी मुकेश कुमार सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने औपचारिकता निभाते हुए घायलों का हालचाल लिया और सरकारी सहायता देने का भरोसा दिया। सवाल यह है कि अगर यह तत्परता पहले दिखाई जाती तो आज दो मासूमों की जान न जाती।

Administrative negligence in Godda led to a major accident: Two tribal children died and three were injured when a water tank collapsed.

ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका कहना है कि टंकी की मरम्मत या ध्वस्तीकरण में कोताही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक उपेक्षा से हुई हत्या है।

डाहुबेड़ा के लोग अब सिर्फ जांच और मुआवजे के वादे नहीं, ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विभागीय लापरवाही की इस कीमत के रूप में दो परिवारों ने अपने लाल खो दिए और प्रशासन अब जांच रिपोर्ट की आड़ में खुद को बचाने में जुट गया है।

सवाल उठता है कि आखिर कब तक ऐसी लापरवाहियां गरीब और ग्रामीण परिवारों की जान लेती रहेंगी? क्या इस हादसे के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कोई सख्त कार्रवाई होगी या बस लीपापोती?

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WASIM AKRAM
Author: WASIM AKRAM

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