Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्षी महागठबंधन में घमासान चरम पर पहुंच गया है। सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कांग्रेस और आरजेडी के बीच टकराव इस कदर बढ़ गया है कि गठबंधन टूटने की स्थिति बन गई है। इस विवाद का केंद्र बन गई है औरंगाबाद की कुटुंबा (सुरक्षित) विधानसभा सीट, जहां कांग्रेस और RJD आमने-सामने आ गए हैं।
सीट बंटवारे पर शर्त से बिगड़ा समीकरण
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने बिहार में कम से कम 61 सीटों की मांग की है। वहीं RJD ने शर्त रख दी कि कांग्रेस पहले तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करे, तभी सीटों पर बात आगे बढ़ेगी। कांग्रेस ने इस शर्त को ठुकरा दिया, जिसके बाद दोनों दलों के बीच बातचीत पूरी तरह बंद हो चुकी है। कई सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ अब ‘खुली जंग’ में तब्दील होती दिख रही है।
प्रतिष्ठा की सीट बनी कुटुंबा
कुटुंबा सीट कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की पारंपरिक सीट मानी जाती है। वे सोमवार को यहां से नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं। दूसरी ओर RJD ने उनके खिलाफ पूर्व मंत्री सुरेश पासवान को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है, जो क्षेत्र में प्रचार भी शुरू कर चुके हैं। कांग्रेस इसे अपने नेतृत्व पर सीधा हमला मान रही है।
दिल्ली से मिला संकेत
कांग्रेस ने मामले की जानकारी पार्टी आलाकमान को दी है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। प्रदेश इकाई को अपने स्तर पर फैसला लेने की छूट दे दी गई है। झामुमो पहले ही 6 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में सभी की निगाहें अब RJD के अगले कदम पर टिकी हैं।
अगर RJD कुटुंबा में अपना उम्मीदवार उतारती है, तो यह महागठबंधन के ताबूत में “आखिरी कील” साबित हो सकता है।
ये भी पढ़ें: Pakur: एएसआई को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा, वर्दी फाड़ी, दो आरोपी गिरफ्तार
