Ranchi/Itanagar: झारखंड की राजनीति में अपने अनोखे अंदाज़ और स्पष्ट विचारों के लिए चर्चित डुमरी विधायक एवं जेएलकेएम सुप्रीमो जयराम महतो (Jairam Mahto) एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वह झारखंड से बाहर, अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में अपने विशेष व्यवहार को लेकर सुर्खियों में आ गए।
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल अरुणाचल प्रदेश के अध्ययन दौरे पर गया है, जिसमें जयराम महतो (Jairam Mahto), विकास कुमार मुंडा (विधायक, तमाड़) और लुईस मरांडी (विधायक, जामा) शामिल हैं। इस दौरान जब जयराम महतो अरुणाचल विधानसभा पहुंचे, तो वह हमेशा की तरह नंगे पांव थे। उनके इस रूप को देखकर वहां के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष तेसम पोंगटे भी चकित रह गए।
जब उनसे नंगे पैर आने का कारण पूछा गया, तो जयराम महतो ने स्पष्ट कहा, “यह लोकतंत्र का मंदिर है और मंदिर में मैं हमेशा नंगे पैर ही प्रवेश करता हूं।” उन्होंने बताया कि विधायक बनने से पहले ही उन्होंने यह प्रण लिया था कि सदन में वह कभी चप्पल-जूते नहीं पहनेंगे, और वह अब तक इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं — चाहे वह झारखंड हो या अन्य कोई राज्य।
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में आयोजित बैठक के दौरान जयराम महतो ने 80/20 नियोजन नीति, स्थानीय आर्थिक संसाधनों, और जमीन खरीद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अरुणाचल विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा की। अध्यक्ष तेसम पोंगटे ने विस्तार से बताया कि अरुणाचल प्रदेश में बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते, साथ ही उन्होंने स्थानीय कानूनों और राज्य के प्रशासनिक ढांचे की जानकारी भी दी।
विधानसभा के इस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा के मुख्य सभागार, पुस्तकालय, संग्रहालय सहित अन्य प्रशासनिक इकाइयों का भी अवलोकन किया। यहां उन्हें कार्यप्रणाली, संसदीय प्रक्रियाओं और सर्वोत्तम विधायी प्रथाओं से अवगत कराया गया।
झारखंड विधानसभा की यह टीम तीन दिवसीय दौरे पर अरुणाचल गई है और आगामी दिनों में वे जीरो घाटी सहित कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा भी करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य विभिन्न राज्यों की संसदीय प्रक्रियाओं के अनुभव साझा करना और पारस्परिक ज्ञान का विस्तार करना है।
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