Ranchi: झारखंड (Jharkhand) में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त राशन वितरण योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब भी 2.24 लाख से अधिक मृतकों के नाम पर हर महीने 11.24 लाख किलो राशन उठाया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले वर्ष से जारी है, जिसे अब गंभीरता से लेते हुए केंद्र ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार को भेजी गई केंद्र की सूची के अनुसार, झारखंड (Jharkhand) में 2,54,897 मृतक लाभुकों की पहचान की गई है। इनमें से 30 मई 2025 तक 30,039 मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटाए जा चुके हैं, जबकि 34,480 लाभुकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सत्यापन की प्रक्रिया अभी भी जारी है। साहिबगंज (Sahibganj) में भी 10 हज़ार से अधिक मृत लाभुकों के नाम पर अनाज उठाव हो रही थी। जांच के बाद 958 नाम हटाए गए हैं।
10 जिलों में सबसे अधिक फर्जी लाभुक
केंद्र द्वारा भेजे गए आंकड़ों के अनुसार राज्य के 10 जिलों में मृतक लाभुकों की संख्या 10 हजार से अधिक है।
- पूर्वी सिंहभूम: 22,975 मृतक, 1,634 नाम डिलीट
- रांची: 21,171 मृतक, 2,057 नाम डिलीट
- धनबाद: 18,560 मृतक, 3,001 नाम डिलीट
- दुमका: 13,323 मृतक, 2,838 नाम डिलीट
- गिरिडीह: 13,683 मृतक, 461 नाम डिलीट
- पलामू: 13,229 मृतक, 2,183 नाम डिलीट
- सरायकेला: 12,910 मृतक, 1,435 नाम डिलीट
- हजारीबाग: 11,191 मृतक, 348 नाम डिलीट
- साहिबगंज: 10,658 मृतक, 958 नाम डिलीट
- रामगढ़: 5,510 मृतक, 3,661 नाम डिलीट
हर महीने लाखों किलो राशन की लूट
गृहस्थ योजना के तहत पात्र लाभुकों को प्रति सदस्य 5 किलो मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यदि 2.24 लाख मृतक लाभुकों के नाम पर औसतन 5 किलो प्रति व्यक्ति राशन लिया जा रहा है, तो हर महीने 11 लाख 24 हजार किलो खाद्यान्न की फर्जी उठाव हो रही है।
ढाई लाख नए लाभुकों को मिलेगा लाभ
खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार, मृतक लाभुकों के नाम हटाने के बाद योजना में लगभग ढाई लाख नए लाभुकों को जोड़ा जाएगा, जो अब तक इस योजना से वंचित थे। वर्तमान में राज्य में कुल 2 करोड़ 63 लाख 37 हजार 56 लाभुक NFSA योजना से जुड़े हुए हैं।
झारखंड सरकार ने मई माह से मृतक लाभुकों की सूची का सत्यापन शुरू कर दिया है। सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मृतकों की पहचान कर राशन कार्ड से नाम हटाएं। कई जिलों में टीम गठित कर डोर-टू-डोर जांच की जा रही है।
जिला आपूर्ति अधिकारी, रांची ने कहा कि,
“राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत मृतक लाभुकों की पहचान की जा रही है। जिले में मृतक लाभुकों के परिवारों से संपर्क कर प्रमाण एकत्र किए जा रहे हैं। कोई भी मृतक व्यक्ति इस योजना में बना न रहे, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।”
राज्य सरकार ने साफ किया है कि राशन घोटाले में संलिप्त कर्मचारियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया जा रहा है ताकि भविष्य में किसी मृतक के नाम पर राशन उठाव न हो सके। खाद्य आपूर्ति विभाग ने संकेत दिए हैं कि जुलाई तक सभी जिलों में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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