Dumri (Giridih): पंचायत सचिव सुखराम महतो की मौत के बाद डुमरी विधानसभा क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। रविवार देर रात जब उनका शव रांची से डुमरी पहुंचा, तो परिजन और ग्रामीणों के साथ जेएलकेएम प्रमुख एवं विधायक जयराम महतो (Jairam Mahto) तथा आजसू पार्टी के समर्थकों ने धरना शुरू कर दिया। परिजन चार प्रमुख मांगों के पूरा होने तक अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए हैं।
चार मांगों को लेकर दबाव में प्रशासन
- धरनारत परिजनों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित चार मांगें रखीं:
- मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी
- 50 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा
- आरोपियों की गिरफ्तारी
- बीडीओ समेत आरोपित अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई
सोमवार को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इन मांगों को लेकर विधायक जयराम महतो की बातचीत जारी रही। अंतिम संस्कार फिलहाल रोका गया है।
मौत से पहले लिखा पत्र, लगाए गंभीर आरोप
पंचायत सचिव सुखराम महतो ने शनिवार को कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था, जिनका इलाज रांची स्थित रिम्स में चल रहा था। इलाज के दौरान रविवार को उनकी मृत्यु हो गई। मरने से पहले उन्होंने विधायक जयराम महतो को एक पत्र लिखा था, जिसमें बीडीओ सहित चार अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया गया था। जयराम महतो ने शनिवार को रिम्स जाकर स्वयं सुखराम से मुलाकात की थी और उनकी स्थिति का जायजा लिया था।
सियासी समर्थन के साथ जनाक्रोश तेज
पंचायत सचिव की मौत को लेकर क्षेत्र में जबरदस्त जनाक्रोश है। स्थानीय ग्रामीणों, पंचायती राज से जुड़े कर्मचारियों और सामाजिक संगठनों ने भी सरकार से न्याय की मांग की है। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकजुट होकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। धरना स्थल पर तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई है ताकि स्थिति नियंत्रण में बनी रहे।
सुखराम महतो की मौत ने एक बार फिर प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के आरोपों को उजागर किया है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह घटना न केवल सिस्टम की क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि पंचायतकर्मियों की सुरक्षा और गरिमा को लेकर बड़े सवाल भी खड़े करती है।
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