Ranchi, 17 जून 2025 (मंगलवार) – झारखंड शराब घोटाला: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में मंगलवार को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद एसीबी मुख्यालय में उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि अमित प्रकाश ने रिटायरमेंट से ठीक पहले ओम साईं नामक शराब कंपनी को करीब 12 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान कर दिया था, जबकि राज्य सरकार ने इस कंपनी के भुगतान पर रोक लगा रखी थी। यह वही ओम साईं है, जिसके खिलाफ शराब आपूर्ति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच चल रही है। गौरतलब है कि एसीबी इस मामले में पूर्व में भी छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें चर्चित अधिकारी विनय चौबे का नाम भी शामिल है।
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2021 के अंत में झारखंड में नई शराब नीति लागू करने की चर्चा शुरू हुई थी। 2022-23 से प्रभावी इस नीति में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग लिमिटेड (CSML) को सलाहकार नियुक्त किया गया, जिसकी सिफारिश पर ओम साईं और दिशिता वेंचर नामक दो कंपनियों को थोक वितरण का कार्य सौंपा गया। सरकार ने उत्पाद नीति के लिए अरुणपति त्रिपाठी को 1.25 करोड़ रुपये की फीस पर सलाहकार नियुक्त किया था। लेकिन राजस्व पर्षद सदस्य अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने इस नीति पर आपत्ति जताई थी और इसे झारखंड के हितों के खिलाफ बताया था। उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि छत्तीसगढ़ में खुद अपने राज्य का राजस्व नहीं बढ़ा सकने वाली एजेंसी झारखंड में कैसे सफल होगी।
नीति बनी घोटाले की जड़?
नई शराब नीति के तहत जिन कंपनियों को ठेका दिया गया, उन पर भारी अनियमितताओं के आरोप लगे। ओम साईं कंपनी पर जांच लंबित थी, फिर भी रिटायरमेंट से पहले अमित प्रकाश द्वारा 12 करोड़ रुपये विमुक्त करना घोटाले की बड़ी कड़ी माना जा रहा है। अब एसीबी की कार्रवाई से साफ संकेत मिलते हैं कि जांच की आंच बड़े अफसरों तक पहुँच चुकी है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारी हो सकती है।
