Ranchi: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को लेकर भाजपा नेत्री सह प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज़ (Rafiya Naaz) ने राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “एक ओर सरकार रिम्स पार्ट-2 जैसे महंगे प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं कर रही है, दूसरी ओर गरीब जनता को समय पर एम्बुलेंस तक मयस्सर नहीं हो रही। यह सरकार की संवेदनहीनता और प्राथमिकता की असलियत को उजागर करता है।”
राफिया नाज़ (Rafiya Naaz) ने हाल में घटित दो हृदयविदारक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि गोड्डा जिले में एक मासूम बच्ची की मौत महज़ इसलिए हो गई क्योंकि एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी, जबकि परिजनों ने बार-बार कॉल किए। इसी तरह चतरा जिले में सुकुल भुइयां नामक व्यक्ति की जान भी एम्बुलेंस की देरी के कारण गई। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि सरकार की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है।”
32% एम्बुलेंसें बंद, बाकी बदहाल स्थिति में
भाजपा नेत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में लगभग 32% सेवा योग्य एम्बुलेंसें बंद हालत में हैं। उन्होंने कहा कि यह जनता के जीवन से सीधा खिलवाड़ है और राज्य सरकार इसकी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। “जब जनता के टैक्स से इन सेवाओं को चलाया जा रहा है, तो फिर रखरखाव और मरम्मत के लिए बजट कहां जा रहा है?” उन्होंने यह भी कहा कि कई जिलों में केवल एक एम्बुलेंस पर पूरा प्रखंड निर्भर है, और उनमें भी प्रशिक्षित चालक और सहायक कर्मियों की भारी कमी है। इससे आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं।
कर्मियों को वेतन नहीं, सेवाओं की उम्मीद कैसे?
राफिया नाज़ (Rafiya Naaz) ने एम्बुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों की दुर्दशा की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “कई एम्बुलेंस कर्मियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में उनसे गुणवत्तापूर्ण सेवा की अपेक्षा करना न केवल अन्याय है बल्कि व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह है।”
भाजपा नेत्री की सरकार से स्पष्ट मांगें
राफिया नाज़ ने राज्य सरकार से सभी निष्क्रिय एम्बुलेंसों की तत्काल मरम्मत कर सेवा में वापस लाने, हर 10,000 की जनसंख्या पर कम-से-कम एक एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने, एम्बुलेंस कर्मियों को नियमित वेतन भुगतान की व्यवस्था और लंबित वेतन का तत्काल निपटारा करने, एक स्वतंत्र निगरानी समिति का गठन, जो हर महीने एम्बुलेंस सेवाओं की समीक्षा कर रिपोर्ट सार्वजनिक करने एवं जिन अधिकारियों की लापरवाही से जानें गईं, उन पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
अब और मौतें नहीं, अब सुधार चाहिए
अपने बयान के अंत में भाजपा नेत्री ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “झारखंड की जनता अब सिर्फ घोषणाएं नहीं, जमीनी बदलाव चाहती है। अब और मौतें नहीं, अब सुधार चाहिए।”
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