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Sahibganj में लाभुकों को मनरेगा के तहत आम, नींबू और सब्जियों की खेती से हो रही है अच्छी आमदनी
Rajmahal (Sahibganj), 13 जून 2025 (शुक्रवार): राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के तहत चलाई जा रही बिरसा हरित ग्राम योजना अब ग्रामीण आजीविका को नया जीवन दे रही है। साहिबगंज जिले के राजमहल प्रखंड के खुटहरी और गुनिहारी पंचायतों के लाभुकों ने इस योजना का बेहतर उपयोग करते हुए आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है।
खेती से मिली पहचान और आमदनी
खुटहरी पंचायत के सुधांशु शेखर सिंह और मुनि हेंब्रम ने इस योजना के अंतर्गत आम और सब्जियों की खेती शुरू की है। मुनि हेंब्रम ने बताया कि,
“इस वर्ष नींबू की बिक्री से ₹14,000 की आमदनी हुई है, और आम की उपज भी काफी अच्छी हो रही है। योजना के तहत मिली तकनीकी एवं वित्तीय सहायता से हम अब अपने पैरों पर खड़े हो पाए हैं।”
वहीं गुनिहारी पंचायत के भोला प्रसाद यादव ने एक एकड़ भूमि में 112 आम के पौधे एवं 80 इमारती पेड़ लगाकर मिश्रित बागवानी की मिसाल पेश की है। उन्होंने नींबू, कटहल, पपीता जैसी फसलों की भी खेती शुरू की है। उनका कहना है,
“केवल आम की बिक्री से 2024 में ₹34,000 की आमदनी हुई। यह आमदनी खेती की तरफ लौटने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की प्रेरणा देती है।”
पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल
बिरसा हरित ग्राम योजना केवल आमदनी का साधन नहीं, बल्कि हरियाली और जैव विविधता को बढ़ावा देने का माध्यम भी बन रही है। पौधारोपण से पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा मिल रही है।
सरकार की मंशा – हर हाथ को काम, हर खेत को हरियाली
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक ग्रामीणों को इस योजना से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त और खेती-किसानी के प्रति जागरूक किया जाए। इसके लिए मनरेगा के तहत तकनीकी मार्गदर्शन, मजदूरी, पौधारोपण और समुचित देखरेख की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
बिरसा हरित ग्राम योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि सरकारी योजनाएं जब जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू होती हैं, तो उसका प्रभाव न केवल आर्थिक बदलाव लाता है, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और आत्मनिर्भरता को भी जन्म देता है। राजमहल प्रखंड के ये ग्रामीण किसान झारखंड के हर गांव के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।
राजमहल प्रखंड के किसानों को मिला बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ! खुटहरी व गुनिहारी पंचायत के लाभुक आम, नींबू व सब्जी की खेती कर बन रहे हैं आत्मनिर्भर।
कुछ लाभुकों ने ₹34,000 तक की आमदनी भी दर्ज की है।
ग्रामीण आजीविका के साथ-साथ हरित पर्यावरण को भी मिल रहा बढ़ावा। @JharkhandCMO pic.twitter.com/B1fDyX3AXZ— DC Sahibganj (@dc_sahibganj) June 13, 2025
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