Ranchi, 16 जून 2025 (सोमवार): झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने राज्य सरकार पर पुलिस विभाग में अराजकता और असंवैधानिक कार्यप्रणाली का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड की कमान अब एक “शैडो डीजीपी” के हाथों में है, जिसे न कोई विधिक मान्यता प्राप्त है और न ही वह किसी सेवा नियम के अंतर्गत आता है।
मरांडी ने कहा कि डीजीपी अनुराग गुप्ता अब अखिल भारतीय सेवा का हिस्सा नहीं हैं, और इस स्थिति में उन पर न तो विभागीय कार्रवाई संभव है, न ही वेतन रोका जा सकता है। इसके बावजूद राज्य की पूरी पुलिस व्यवस्था उनके “तुगलकी आदेशों” पर चल रही है। सिपाहियों से लेकर आईपीएस अधिकारियों तक की पोस्टिंग में कथित लेनदेन का भी उन्होंने आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “10 जून को आठ आईपीएस अधिकारियों को डीजीपी जैसे संवैधानिक पद पर बैठे एक असंवैधानिक व्यक्ति द्वारा अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सरकार की प्रशासनिक नाकामी का भी उदाहरण है।”
भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि गृह विभाग ने अब इस नियुक्ति को रद्द करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। लेकिन उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “स्पष्टीकरण किससे? उस व्यक्ति से जिसे आप नियमों के दायरे में ला ही नहीं सकते?”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए मरांडी ने कहा कि या तो मुख्यमंत्री को इस स्थिति की जानकारी नहीं है, या फिर वे पूरी तरह अयोग्य हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “हो सकता है मुख्यमंत्री को सब पता हो और वे स्वयं इसके लिए जिम्मेदार हों।”
मरांडी ने आरोप लगाया कि झारखंड के कुछ बेलगाम अफसर अब संविधान से नहीं, बल्कि सत्ता के ‘नेटवर्क’ से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि यदि किसी को पुलिस विभाग की अंदरूनी सच्चाई जाननी है, तो वे उनसे संपर्क करें, वे सब विस्तार से बता देंगे।
डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं, ना उनपर कोई विभागीय कार्रवाई लागू होती है,
ना तो उन्हें वेतन मिल रहा है कि मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी आप उनका वेतन रोक सकते हैं। लेकिन पुलिस विभाग के सारे तुगलकी आदेश वही दे रहे हैं। सिपाहियों तक की…— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 16, 2025
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