Ranchi: झारखंड की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे ब्रजेश गुप्ता उर्फ बन्ना गुप्ता एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद अब उनके पास मौजूद अत्याधुनिक ग्लाक पिस्टल को लेकर हंगामा मच गया है। सरकार ने इस पिस्टल को वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। इस संबंध में जमशेदपुर के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी करते हुए बन्ना गुप्ता से शस्त्र वापस लेकर राज्यकीय शस्त्रागार में जमा कराने को कहा है।
मामले की तह में जाएं तो बन्ना गुप्ता ने अपने मंत्रीकाल के दौरान वर्ष 2022-23 में कोलकाता से यह ग्लाक पिस्टल खरीदी थी। उस समय वे स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस अत्याधुनिक हथियार का लाइसेंस भी हासिल कर लिया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो यह ग्लाक पिस्टल 0.42 बोर की है, जिसकी कीमत लगभग 18 लाख रुपये आंकी गई है। यह पिस्टल अत्यंत उन्नत मानी जाती है और आम नागरिकों को इसके लिए लाइसेंस नहीं दिया जाता। झारखंड में ऐसे हथियारों के लाइसेंस गिने-चुने लोगों को ही जारी किए गए हैं, जबकि आम नागरिकों को अधिकतम 0.32 बोर तक के शस्त्र रखने की अनुमति होती है।

सरकार की ओर से 6 मार्च 2025 को गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी पत्र के आलोक में जिले के शस्त्र अनुज्ञप्तिधारकों की समीक्षा की जा रही थी। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में ग्लाक पिस्टल रखने की अनुमति सिर्फ एक व्यक्ति—कदमा निवासी ब्रजेश गुप्ता उर्फ बन्ना गुप्ता—को दी गई है। विभागीय निर्देश के अनुसार उनके नाम पर दर्ज दो शस्त्रों में से एक, यानी 0.45 बोर की पिस्टल को वापस लेकर उसे राज्य के शस्त्रागार में जमा कराने का आदेश दिया गया है।
इस पूरे प्रकरण पर बन्ना गुप्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस विषय में अब तक कोई सूचना नहीं मिली है। न तो जिला प्रशासन की ओर से कोई नोटिस भेजा गया है और न ही कोई आधिकारिक संवाद हुआ है। उन्होंने कहा कि वे फिलहाल मध्यप्रदेश में पार्टी के संगठनात्मक काम में व्यस्त हैं और नोटिस मिलने के बाद नियमानुसार जवाब देंगे।
“मुझे इस संबंध में न तो कोई सूचना है और न ही जिला प्रशासन ने नोटिस भेजा है। जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद नियमानुसार जवाब देंगे। फिलहाल मैं संगठन को लेकर मध्य प्रदेश में काम कर रहा हूं।” – बन्ना गुप्ता, कांग्रेस नेता, जमशेदपुर।
इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि जब आम नागरिकों को इस प्रकार का हथियार नहीं मिल सकता, तो फिर एक मंत्री को यह सुविधा कैसे दी गई? क्या इसमें नियमों की अनदेखी हुई? प्रशासन की अगली कार्रवाई और बन्ना गुप्ता की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।
