Ranchi/Sahibganj, 5 जून: झारखंड की राजधानी रांची से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। साहिबगंज जिले के तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के बभनगामा गांव के होनहार छात्र श्यामा प्रसाद दत्ता उर्फ जीत दत्ता (17) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। रांची के शिवपुरी मोहल्ले में किराए के मकान में रहकर नीट की तैयारी कर रहा यह छात्र मंगलवार की सुबह अपने कमरे में फंदे से लटका पाया गया। पिछले वर्ष 10वीं की परीक्षा में स्कूल टॉपर रहे जीत इंटरमीडिएट सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रहे थे और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की गंभीर तैयारी में जुटे थे। परिवार की सारी उम्मीदें जीत पर टिकी थीं, जो अपने मां-पिता का इकलौता बेटा था।
मकान मालिक के अनुसार, मंगलवार सुबह कमरे से कोई हलचल न होने पर उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांकने पर जो दृश्य दिखा, उसने सभी को स्तब्ध कर दिया। सूचना मिलने पर रांची पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का माना जा रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
गांव में छाया मातम
जैसे ही यह दुखद खबर बभनगामा गांव पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों की आंखों में आंसू हैं और हर कोई स्तब्ध है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक होनहार, शांत और मेहनती छात्र को यह कदम उठाना पड़ा।
समाज के लिए सवाल छोड़ गया जीत
यह घटना सिर्फ एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि पूरे समाज के सामने एक बड़ा सवाल है। क्या हम अपने बच्चों पर उम्मीदों का बोझ डाल रहे हैं? क्या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन मिल पा रहा है? क्या अब समय नहीं आ गया है कि हम मानसिक स्वास्थ्य को भी उतनी ही गंभीरता से लें, जितनी शैक्षणिक उपलब्धियों को?
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